आँखें बहुत कुछ कहती हैं

आँखें बहुत कुछ कहती हैं

आंखें सिर्फ देखती ही नहीं, आंखें कहती भी हैं; वो जो शायद ये जबां कभी कह न पाये। जब भावनाओं का तूफान उमड़ता है तब शब्द गायब से होने लगते हैं, ढूंढने पर भी नहीं मिलते तब आंखें हमारी पूरी कहानी बताती हैं।

आंखें दर्पण है हमारे उस अस्तित्व का, उस अनकहे पहलू का, गहराई में छिपे उस अनकही कहानी का जिसे शायद हम कभी कहने की कोशिश नहीं करते।

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